How to start the goat farming खेती और पशु दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं। उत्तर प्रदेश की आजीविका इन्हीं दो के इर्द-गिर्द अधिकांशतः घूमती रहती है। खेती कम होने की दशा में लोगों की आजीविका का मुख्य साधन पशुपालन हो जाता है। गरीब की गाय के नाम से मशहूर बकरी हमेशा ही आजीविका के सुरक्षित स्रोत के रूप में पहचानी जाती रही है। बकरी छोटा जानवर होने के कारण इसके रख-रखाव का खर्च भी न्यूनतम होता है। सूखे के दौरान भी इसके खाने का इंतज़ाम आसानी से हो सकता है, इसके साज-संभाल का कार्य महिलाएं एवं बच्चे भी कर सकते हैं और साथ ही आवश्यकता पड़ने पर इसे आसानी से बेचकर अपनी जरूरत भी पूरी की जा सकती है। बुंदेलखंड क्षेत्र में अधिकतर लघु एवं सीमांत किसान होने के कारण यहां पर सभी परिवार एक या दो जानवर अवश्य पालते हैं, ताकि उनके लिए दूध की व्यवस्था होती रहे। इनमें गाय, भैंस, बकरी आदि होती हैं। विगत कुछ वर्षों से पड़ रहे सूखे की वजह से और बड़े जानवरों के लिए चारा आदि की व्यवस्था करना एक मुश्किल कार्य होने के कारण लोग बकरी पालन को अधिक तरजीह दे रहे है। जंगल एवं बीहड़ के किनारे बसे गाँवों के लिए यह एक ...

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