COMMERCIAL GOAT FARMING भारत की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में बकरी जैसा छोटे आकार का पशु भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। विगत 2-3 दषकों में ऊंची वार्षिक वध दर के बावजूद विकासषील देषों में बकरियों की संख्या में निरंतर वृध्दि, इनके सामाजिक और आर्थिक महत्व का दर्षाती है। प्राकृतिक रूप से निम्न कारक बकरी विकास दर को बढ़ाने में सहायक सिध्द हो रहे हैं। • बकरी का मानव व पशु प्रजातियों के अयोग्य खाद्य पदार्थों को उच्च कोटि के पोषक पदार्थों (मांस, दूध) और अन्य उत्पादों / उपत्पादों (रेषा, बाल, खाल) में परिवर्तित करने की क्षमता रखना। बकरी पालन का एक लाभकारी पहलू यह भी है कि इसे बच्चे व महिलाएं आसानी से पाल सकते हैं। वर्तमान में बकरी व्यवसाय की लोकप्रियता तथा सफलता की अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि देष के विभिन्न प्रान्तों में इसका व्यवसायीकरण हो रहा है। औद्यौगिक घराने और व्यवसायी बकरी पालन पर प्रषिक्षण प्राप्त आगे रहे हैं और बड़े-बड़े बकरी फार्म सफलतापूर्वक चल रहे हैं। • बकरी का विभिन्न जलवाय...

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